जमीन की हेरा-फेरी के मामले कई रसूखदारों के नाम शामिल।

जमीन की हेरा-फेरी के मामले कई रसूखदारों के नाम शामिल।

झारखण्ड में जमीन की धोखाघड़ी – हेराफेरी का मामला नया नहीं है लेकिन जब राज्य सरकार की जमीन को ही कोई हड़प ले तो आप इसे क्या कहेंगे . जी हैं रांची में एक ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है जिसमे रोड डिपार्टमेंट की 65.5 डिसमिल जमीन सिर्फ कागजो में बचा हुआ है . दरअसल इस हेरा – फेरी में ऐसे नाम शामिल है जो राज्य के बड़ी पार्टी से ताल्लुकात रखते है और दूसरा चेंबर ऑफ़ कॉमर्स में बड़े पद पर आसीन रह चुके है . मामला रांची के हरमू रोड के जमीन से जुड़ा हुआ है , हरमू नदी से महज कुछ ही दुरी पर है सिटी मॉल , आरोप यह है की इस मॉल की जमीन को गलत तरीके से अपने नाम पर जमाबंदी करा लिया गया है . जिसमे बीजेपी नेता अजय मारू, प्रिंस आजमानी का नाम उछला है . आरोप यह है की आदिवासी खाते की जमीन पर प्रिंस आजमानी और अजय मारु ने बहुमंजिली इमारत बना रखा है है यह भूमि आदिवासी खाते का बताया जाता है .जिसके खतियानी रैयत चिनगिया उरांव वल्द जोटो उरांव,कौम उरांव हैं. इस जमीन के बड़े हिस्से को हरमू सड़क चौड़ीकरण के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 1966-67 कब्ज़ा किया गया था. बतौर इसके लिये राज्य सरकार ने 18 हजार के करीब मुआवजा राशि का भुगतान भी किया था.
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मामला कुछ इस प्रकार है की 81 डिसमिल भूमि पर आज भी 4 लोगो के नाम से मोटेशन है . राज्य सरकार ने .हरमू सड़क चौड़ीकरण के लिए 1966-67 जमीन का दखल किया था . इसका दस्तावेज आज भी उपलबध है . दस्तावेज के अनुसार थाना नंबर 205, खाता नंबर 33, प्लॉट नंबर 591, जिसका कुल रकबा 1.15 एकड़ है. राज्य सरकार ने 1966-67 हरमू रोड के चौड़ीकरण के लिए जमीन में से 65.5 डिसमिल भूमि का अधिग्रहण किया था. लेकिन वर्तमान में उस भूमि में से 81 डिसमिल भूमि पर अजय मारू, एनामुल हक, प्रिंस आजमानी और एक्सप्रेस रीजेंसी लिमिटेड के नाम मोटेशन है.
राज्य सरकार ने 1966-67 में हरमू सड़क चौड़ीकरण के लिए जिस कहते की जमीन का दखल किया था. उस जमीन में से 31 डिसमिल जमीन कैसे गायब हो गयी. प्रश्न यह उठता है कि खाते में कुल 115 डिसमिल भूमि रहने पर 65.5 dismil भूमि का दखल किया गया. इसका राज्य सरकार ने मुआवजा का भी भुगतान किया तो आखिर यह जमीन 81 डिसमिल कैसे हो गयी, क्योंकि मोटेशन पर 81 डिसमिल भूमि अंकित है. आखिर कैसे सफेदपोश बड़े लोगों ने जमीन की हेराफेरी कर ऊँची बिल्डिंग का निर्माण कर लिया गया, यह अपने आप में जांच का विषय है.
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