दुमका के गांधी मैदान में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपना 42 वां स्थापना दिवस मनाया.
दुमका : दुमका के गांधी मैदान में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपना 42 वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन उनके पुत्र एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाई बसंत सोरेन, शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन समेत कई नेता मंच पर मौजूद थे। शिबू सोरेन ने पार्टी के झंडे को फ़हराकर कार्यक्रम की शुरुआत की। शिबू सोरेन समेत सभी नेताओं ने झारखंड आंदोलनकारियों को पुष्प अर्पित कर नमन किया। यह कार्यक्रम काफी संक्षिप्त रहा और लोगों की भी संख्या अन्य वर्षो की तुलना में काफी कम थी क्योंकि झारखंड स्थापना दिवस एसओपी के तहत संथाल परगना के सभी जिले में मनाया गया।
सभा को संबोधित करते हुए शिबू सोरेन ने कहा कि जब तक हम जिंदा है 2 फरवरी को इस जनसभा में आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आजाद झारखंड में हम अलग-थलग बैठकर नहीं रह सकते। झारखंड राज्य अलग हो चुका है, इसलिए हम लोग को अपने से कुछ करना पड़ेगा अब राज्य भी अपना है, गांव भी अपना है और घर भी अपना है। इस धरती में जो धन है वह भी हमारा है। इसलिए विकास जो नहीं हो रहा है वह अपने से करना होगा। कोयला लोहा यूरेनियम इतना धन है कि इसका कोई पता नहीं है। जिस राज्य धन उपजता हो और विकास नहीं हो तो यह समझना होगा पॉलिसी बनाने वाले की गड़बड़ी है। देश में सबसे अधिक खनिज पदार्थ झारखंड राज्य में है, और विकास नहीं है तो हमें अपनी पॉलिसी बनानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि विकास नहीं होगा तो जनता हमें नहीं छोड़ेगी।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि 20 वर्षों से इस राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने शासन किया और अपने शासन काल मे इस राज का जो नतीजा किया है उसको हम बयान करना शुरू करें तो दिन कम पड़ जाएंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य में अपनी सरकार पाने के लिए काफी संघर्ष किए हैं। झामुमो ने गुरु जी के नेतृत्व में सरकार बनाई, खुद मेरे नेतृत्व में एक बार सरकार बनी लेकिन हमारी सरकार विपक्ष के षड्यंत्र कारी नीतियों के कारण ज्यादा दिन तक चली नहीं। लेकिन झामुमो ने अपनी लड़ाई जारी रखी और अंत में 2019 में जो आम चुनाव हुआ उसने राज्य की जनता ने एक ऐसा जनादेश दिया जिससे झारखंड में झारखंडियों की सरकार बनी।हेमन्त ने रघुवर सरकार को आड़े हाथों लेते कहा कि पूर्व की सरकार में जब जीवन सामान्य था तो दर्जनों लोगों ने हाथ में राशन कार्ड लेकर अपना जान गंवाने का काम किया।
हेमंत सोरेन नें कहा कि सरकार में हम नहीं बैठे हैं, सरकार में आप लोग बैठे हैं, आप लोग को जो चाहिए वही कार्य सरकार करेगी। भारत सरकार के सहयोग से गरीबों को अनाज देने की योजना राज्य सरकार चलाती है। लेकिन सभी गरीबों को अनाज नहीं मिल पाता। हमारी सरकार बनने के बाद राज्य अपनी जिम्मेवारी लेते हुए अतिरिक्त गरीबों को हरा कार्ड देकर अनाज बांटने के काम कर रही है। सीएम ने बेरोजगारी पर बोलते हुए कहा कि जो पढ़े-लिखे युवा है जो जेपीएससी और एसएससी के माध्यम से रोजगार पाते थे वह भी 2016 के बाद से नियुक्तियां नहीं हो पाई। हमारी सरकार आते ही सभी पेंडिंग रिजल्ट को जारी कर 300 युवाओं को नियुक्ति दी गई। हमारी सरकार ने पहली बार जेपीएससी को नियमावली बना कर दिया । हमने पहले भी कहा है कि 2021 नियुक्तियों का वर्ष होगा। हमारी सरकार रोजगार सृजन का संकल्प लेकर 2021 को पार करेंगे। हम कानून बनाने जा रहे हैं की यहां पर कोई भी कारखाना लगेगा वह चाहे सरकारी हो या प्राइवेट हो उसमें 75% स्थानीय लोगों को लेना होगा।
सीएम ने आंदोलन कारियों को याद करते हुए कहा कि जिन लोगों ने अपना घर बार छोड़कर के झारखंड राज्य अलग लेने के लिए अपना खून पसीना बहाया और शहीद हो गए उन शहीदों को हम नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम संकल्प लेते हैं जब तक राज्य में आंदोलनकारीयों की सरकार है तब तक कोई इस राज्य का बाल बांका नही कर पायेगा। सीएम कहा कि हम अपना हक और अधिकार लेकर रहेंगे चाहे वह केंद्र दबा कर रखा हो या चाहे कोई व्यापारी दबा कर रखा हो।