Smartselect 20210312 195810 Google 1

आदिवासी हित पर कुठाराघात करने वालो को मुंहतोड़ जवाब देगी भाजपा : दीपक प्रकाश.

राँची : भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल से मिलकर राज्य मंत्री परिषद द्वारा निरूपित गैर संवैधानिक जनजाति सलाहकार परिषद(TAC) की नियमावली को तत्काल निरस्त करने एवं स्व रूपा तिर्की हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि संविधान के पांचवी अनुसूची पर आदिवासी हित के लिए राज्यपाल को एक विशेष अधिकार प्राप्त है।उसमें TAC का गठन या आदिवासी से संबंधित अन्य निर्णय शामिल है।राज्य मंत्रिमंडल के द्वारा जनजाति सलाहकार परिषद की संचालन नियमावली तैयार की गई एवं अधिसूचित की गई जो गैर संवैधानिक है।

जिसके तहत राज्य का मुख्यमंत्री जनजाति सलाहकार परिषद के सदस्यों की नियुक्ति करेगा।यह राज्य के राज्यपाल के अधिकारों और कर्तव्यों के ऊपर गैर संवैधानिक अतिक्रमण है।आगे उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सर्वोपरि है,संविधान से बड़ा कोई नही है।भाजपा संविधान पर विश्वास करने वाली पार्टी है,यदि इसके साथ कोई कोई छेड़छाड़ करेगा तो भाजपा उसका मुहतोड़ जवाब देगी।आगे उन्होंने कहा कि आदिवासी एवं आदिवासियत की हित की कोई अहित करना चाहेगा तो भाजपा उसका मुहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने स्व रूपा तिर्की मामले में राज्य सरकार की भूमिका पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि परिजन द्वारा दर्ज की हत्या को आत्महत्या का नाम देकर केस को लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है इसलिए इसकी सीबीआई जांच कराया जाय।

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व विधायक श्री शिवशंकर उराँव ने कहा कि हेमन्त सरकार के द्वारा निरूपित जनजाति सलाहकार परिषद की नियमावली संविधान के पांचवी अनुसूची में दिए गए प्रावधानों के विरुद्ध और गैर संवैधानिक है। आगे श्री उराँव ने कहा कि जनजाति सलाहकार परिषद की नियमावली बनाने का अधिकार राज्य के राज्यपाल को है न कि राज्य मंत्रिमंडल को,इसलिए यह गैर संवैधानिक निर्णय है।उन्होंने कहा कि राज्य के जनजाति हितों एवं अधिकारों के सुरक्षा और संरक्षण के लिए जनजाति सलाहकार परिषद का गठन कर राज्यपाल को सलाह लेने का प्रावधान दिया गया है।आगे उन्होंने कहा कि राज्य के जनजाति सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सहित समस्त सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार राज्य के राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में है न कि मुख्यमंत्री के अधीन।

पूर्व आईजी सह भाजपा नेता डॉ अरुण उराँव ने कहा कि होनहार दरोगा स्व रूपा तिर्की की मृत्यु संदेहास्पद है।रूपा के परिजनो ने तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया उसमे एक नाम मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का है।आज तक पुलिस उससे पूछताछ के लिए संपर्क नही की है।जाँच के लिए एसआईटी का गठन भी किया गया लेकिन जांच टीम सिर्फ आत्महत्या और प्रेम प्रसंग एंगेल पर ही जाँच कर रही है जबकि परिजन बार-बार हत्या का जिक्र कर रहे है।पोस्टमार्टम में बिसरा को भी सुरक्षित नही रखा गया।यह घटनाक्रम पूरी की पूरी सुनियोजित तरीकी से की गई है जिसमे सरकार के लोगो का संरक्षण प्राप्त है।ऐसे में जांच पारदर्शिता तरीके से होना असंभव है इसलिए इस घटना की जांच सीबीआई से किया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में शिवशंकर उराँव,अरुण उराँव,रामकुमार पाहन, आरती कुजूर, अशोक बड़ाईक, बिंदेश्वर उराँव शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via