बिहार में गंगा के जल अस्तर बढ़ जाने के कारण लोगो को अपने घर छोड़ कर मजबूरन प्लान करना पड रहा है
बिहार में इन दिनों बाढ़ की भीषण त्रासदी ने पूरा मंजर दर्दनाक बना दिया है, कई स्थानों पर लोगों का आशियाना डूब चुका है. ऐसे में लोग जैसे-तैसे अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को विवश हैं. लेकिन सरकार की तरफ उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है.
गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ जाने के कारण अब लोग एक जगह से दूसरी जगह पलायन कर रहे हैं. अपने बच्चों, मवेशियों और सामान के साथ लोग शहरी इलाकों में सड़क के किनारे अपना ठिकाना बनने में लाचार हैं. पटना के कलेक्ट्रेट घाट पर दियारा क्षेत्र से आकर ये लोग अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं.
दियारा इलाके में बाढ़ के कारण चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है. लोग भूखे प्यासे किराए पर नाव लेकर मवेशियों के साथ छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पटना पहुंच रहे हैं. अभी तक पटना जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. नतीजा ये है की लोग कलेक्ट्रेट घाट के आसपास ही खुले आसमान के नीचे रोते-बिलखते बच्चों के साथ रहने के लिए मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित ने बताया कि अभी भी लगभग 1500 से ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. प्रशासन की ओर से फंसे हुए लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. लोग एक-एक नाव का किराया 5000 रुपए देकर पटना कलेक्ट्रेट घाट पहुंच रहे हैं. पीड़ित ने आगे बताया कि दियारा इलाके में बाढ़ के कारण भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को गंगा के जलस्तर का जायजा भी लिया था और अधिकारियों को कई दिशा निर्देश भी दिए थे. लेकिन अब तक गंगा घाटों पर किसी तरह की कोई तैयारी देखने को नहीं मिल रही है ना ही जिला प्रशासन की तरफ से कोई टीम तैनात की गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्य भी नहीं चलाया जा रहा है जिससे लोग पलायन को मजबूर हैं. अब देखना यह है कि सरकार की तरफ से इनके लिए क्या कुछ इंतजाम किए जाते हैं.
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