हडिया दारू की बिक्री छोड़ सफलता की कहानी सोमारी , संगीता एवं रीना की जुबानी.
सिमडेगा, शंभू कुमार सिंह /संजीत कुमार.
सिमडेगा /कोलेबिरा : फूलो झानो आशीर्वाद अभियान से जुड़ने पर मिली नई जिन्दगी। हाड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री से परिवार को दुर कर नशा के प्रकोप से दूर रखते हुए समाज में अच्छा पहचान बना रहे है। कोलेबिरा – लसिया कोम्बाकेरा की सोमारी देवी ने कहा कि परिवार के जीवन यापन के लिए मजदूरी कर भरण-पोषण करती थी। मजबूरी के कारण हाड़िया-दारू की चुलाई एवं बिक्री कर रही थी। इसी क्रम मे जेएसएलपीएस की सखी दीदी मेरे घर आयी और मुझे नशापान मुक्त गांव बनाने में सहयोग करने की बात कही। साथ हीं हाड़िया-दारू सेे होने वाले दुषपरिणामों के बारे में बताते हुए मुझे जागरूक किया। उन्होने बताया कि हड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री के कार्यों को छोड़कर फूलो झानो आशीर्वाद अभियान से जुड़ने का आग्रह किया।
वे बताती है महिला समूह से अपने परिवार की आजीविका अच्छे से निर्वहन कर रही हूं। सोमारी देवी हाट-बाजार में होटल चलाती है एवं ऑटो भी खरीद लीं है, जिससे परिवार का पालन पोषण अच्छे हो रहा है। कोलेबिरा प्रखण्ड कंजोगा की संगीता डुंगडंग एवं नावाटोली की रीना देवी ने बताया कि मजबूरी से हड़िया, दारू की बिक्री करते थे, मेरे घर में काम करने वाला कोई नहीं था, पति भी कोई काम नहीं करता था, बीच में तबीयत खराब हुआ, जिसके कारण महिला मण्डल से ऋण लिये थें, उसे चुकाने हेतु हड़िया, दारू बेचते थें। हड़िया-दारू बेचना समाज के साथ-साथ मुझे भी अच्छा नहीं लगता था। इससे परिवार में अशांति की स्थिति बनी रहती थी। आज हमने महिला समूह की दीदीयों के सहयोग से फूलो झानो आशीर्वाद अभियान से जुड़ अपना स्वंय का व्यवसाय कर रहें है। अब हमारा घर परिवार खुश है।
उन्होने कहा कि वैसे महिलाएं जो आज भी हड़िया-दारू से अपना घर का जीविकोपार्जन करती हैं, वे सभी महिला समूह से जुड़ अपने परिवार की खुशी और समूह के सहयोग से अपना व्यवसाय करें। वर्तमान में हमलोगों की आर्थिक स्थिति पहले से काफी बेहतर है। समूह के माध्यम से बैंक लिंकेज कराते हुए सोमारी देवी, संगीता डुगडुग एवं रीना देवी को ऋण उपलब्ध कराया गया। नावाटोली की रीना देवी राशन का दुकान चला रही हैं। संगीता डुंगडुग फूलो झानो आशिर्वाद अभियान के अन्तर्गत कैडर है, जो धान का क्रय बिक्री कर रहीं है । एवं राशन दुकान खोलने की योजना बनाईं हैं।
उपायुक्त सिमडेगा सुशांत गौरव ने हड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री छोड़ मुख्यधारा से जुड़ते हुए समाज के अच्छे परिर्वतन में सहयोग करने वाली महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं साॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि महिलाएं समाज के परिर्वतन के मुख्यधार है, जो अपनी समूह की शक्ति के प्रयोग से समाज को नई दिशा देने में सफल हो रही है।