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कोरोना महामारी में लाइफलाइन बना हेल्पलाइन नंबर, 104 हेल्पलाइन से 14 हजार से अधिक लोगों को मिली ससमय मदद.

रांची : कोरोना महामारी के मद्देनजर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर शुरू की गई हेल्पलाइन ने लोगों के लिए लाइफलाइन की तरह काम किया। इस दौरान हेल्पलाइन नंबर 104 के अलावा अन्य हेल्पलाइन सेवाएं मरीजों एवं उनके परिजनों तक चिकित्सा से जुड़ी जानकारियों को पहुंचाने में सहायक बनी। बड़ी संख्या में मरीजों ने इन नंबरों पर फोन कर सहायता मांगी और इन्हें सरकार की ओर से सकारात्मक सहयोग भी प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को भी हेल्पलाइन नम्बरों से काफी मदद मिली है।

लोगों तक पहुंची जरूरी सूचना
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से मिले आंकड़ों (25 मई तक) से पता चलता है कि राज्य में 10 हजार से अधिक मरीज होम आइसोलेशन में और 1151 से अधिक मरीज अस्पताल में थे। सरकार द्वारा जारी सभी हेल्पलाइन नम्बरों के पास कोरोना से संबंधित पूछताछ करनेवाले 1, 06, 408 लोगों की सूची उपलब्ध थी। इन लोगों तक चिकित्सा से संबंधित जरूरी सूचनाएं पहुंचाई गईं। सरकार की ओर से कई एजेंसियां मरीजों को फोन पर सूचनाएं पहुंचा रही थीं। उनमें 104 नंबर हेल्पलाइन से 14,493 तो, अन्य हेल्पलाइन नम्बरों से लोगों को सूचना देने के लिए किए गए कुल कॉल की संख्या 2, 86, 726 से अधिक रही।

जरूरतमंदों ने भी मांगी जानकारी
इसके अलावा मरीजों की ओर से बड़ी संख्या में हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर जानकारी मांगी गई। उन्हें फोन पर जरूरी सूचनाएं और सहायता उपलब्ध कराई गईं। सुरक्षा पोर्टल में कोरोना से संबंधित जानकारियों के लिए 45, 802 से अधिक एंट्री दर्ज हुई। सरकार के द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले 1, 77, 665 से अधिक लोगों तक मेडिकल किट उपलब्ध कराने के लक्ष्य के विरुद्ध 91,442 होम आइसोलेशन किट का वितरण लोगों के बीच किया जा चुका है।

वीडियो कॉल से भी परामर्श
राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध सेवाओं के तहत लोगों को वीडियो कॉल करने की भी सुविधा दी गई। रांची मुख्यालय में 6646 से अधिक मरीजों ने वीडियो कॉल से जरूरी चिकित्सकीय जानकारी हासिल की। वहीं जिला स्तर पर भी 19, 032 से अधिक लोगों ने वीडियो कॉल कर जरूरी जानकारी प्राप्त की। इसके लिए 35 चिकित्सकों ने वीडियो कॉल से लोगों को चिकित्सीय परामर्श दिया। लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एसएमएस का भी सहारा लिया गया। 57, 575 से अधिक एसएमएस लोगों के मोबाइल पर भेजे गए। साथ ही 3,14, 943 इंटरएक्टिव वायस रिसपांस (आईवीआर) का उपयोग कर लोगों को जानकारी दी गई।

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