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हेमन्त सोरेन के विरुद्ध लगा बलात्कार का संगीन आरोप, अपने पद से दे देना चाहिए उन्हें त्यागपत्र : बाबूलाल मरांडी.

दुमका, शौरभ सिन्हा.

दुमका : सोशल मीडिया सहित प्रिंट व इलेक्ट्रेनिक्स मीडिया में सूबे के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के विरुद्ध आईपीसी की धारा 376 जैसे संगीन मामले लगातार सामने आ रहे हैं, बावजूद सरकार के लोग चुप बैठे हैं। ऐसे संगीन मामलों के बाद हेमन्त सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर सीबीआई से इसकी जांच की सिफारिश करनी चाहिए थी।

सर्किट हाउस दुमका में आज आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मराण्डी ने कहा कि यह घटना वर्ष 2013 की है, जो मुम्बई में घटित हुई थी। हेमन्त सोरेन तब भी सूबे के मुख्यमंत्री थे। मुम्बई के प्रतिष्ठित होटल ताज की 21 वीं मंजिल पर वे ठहरे थे। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मराण्डी ने कहा कि घटना 5 सितम्बर 2013 को घटित हुई थी। एक युवती के साथ बलात्कार हुआ था। उस समय महाराष्ट्र झारखण्ड व केन्द्र में यूपीए की सरकार थी। प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद शर्मा, जिलाध्यक्ष निवास मंडल व अंजुला मुर्मू की उपस्थिति में बाबूलाल मराण्डी ने कहा कि संगीन मामले के आलोक में 21 अक्टूबर 2013 को बांद्रा मेट्रोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष आईपीसी की धारा 376, 366, 365, 354, 323, 506, 120 व 34 के तहत मामला दर्ज करवाया गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री व झारखण्ड में प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मराण्डी ने कहा कि इस कांड में दो अभियुक्त हैं हेमन्त सोरेन व सुरेश नागरे। बाबूलाल मराण्डी ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई के लिये 25 नवम्बर 2013 का दिन निर्धारित किया गया था। इससे पूर्व 23 अक्टूबर को सुनवाई का पिटिशन फाइल किया गया था। शादी करने व घर बदलने का कारण बतलाकर पीड़िता के माध्यम से फिलवक्त मुकदमा नहीं लड़ने की स्थिति में पिटिशन फाईल करवाया गया था। श्री मराण्डी ने कहा कि सुप्रिम कोर्ट का स्पष्ट निर्णय है कि संगीन अपराधों पर न तो कोई सुलह संभव है और न ही मुकदमे को वापस लिया जा सकता है। इस तरह की व्यवस्था रहेगी तो फिर बड़े बड़े रसूखदार इस व्यवस्था पर पूरी उम्र कार्रवाई से बचते रहेंगे। फिर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि 08 अगस्त 2020 को मुम्बई में पीड़िता दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना के बाद पीड़िता को यह भय सताने लगा कि हो न हो दुर्घटना के पीछे आरोपी पक्ष के लोग हों। 08 दिसम्बर को पीड़िता ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में फिर से एफआईआर दर्ज करवाया है। पूर्व मुख्यमंत्री व प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मराण्डी ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के विरुद्ध बलात्कार जैसी घटना का संगीन आरोप लगाया गया है, ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री की यह नैतिक जिम्मेवारी बनती है कि वे अपने पद से त्यागपत्र दे दें। सीएम पद पर रहने से हेमन्त सोरेन के विरुद्ध जाँच का मामला प्रभावित हो सकता है, इसलिये मुख्यमंत्री श्री सोरेन को खुद ही सीबीआई से इस मामले की जाँच की अनुशंसा की जानी चाहिए। बाबूलाल मराण्डी ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को जनता के सामने यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि जब तक जाँच पूरी नहीं हो जाती अपने पद से वे त्यागपत्र दे रहे हैं।

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