07 माह के वनवास के बाद अंतररास्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी संगीता कुमारी और व्यूटी डुंगडुंग इंडिया कैम्प के लिए बंगलौर रवाना
*हॉकी सिंमडेगा के पदाधिकारियो ने निजी वाहन से रांची एयरपोर्ट तक दोनों को पंहुचाया*
भारतीय जूनियर महिला हॉकी कैम्प में सिमडेगा जिला झारखण्ड की तीन ख़िलाड़िया संगीता कुमारी ,व्यूटी डुंगडुंग और सुषमा कुमारी है।पर कोरोना संक्रमण के कारण मार्च 2020 से इंडिया कैम्प बन्द था और दो ख़िलाड़िया संगीता और व्यूटी अपने घर मे जबकि सुषमा कुमारी सीआरपीएफ के कैम्प में है।चूंकि व्यूटी और संगीता दोनों ही खिलाडी झारखण्ड सरकार के रांची स्थित एकलब्य हॉकी सेंटर रांची की प्रशिकक्षु है परन्तु पिछले 7 माह से उनका होस्टल भी बन्द हो जाने के कारण उनको घर मे ही रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।दोनों ही खिलाडी की पारिवारिक आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है इस लिए घर मे इन्हें पौस्टिक आहार नही मिल पा रहा था ,ये घर मे अपने एवम गांव के अन्य लोंगो के खेतों में धान रोपनी वैगरह कर रही थी। जिससे वे अंडर वेट होती जा रही थी और खेल भी प्रभाबित हो रहा था।ख़िलाड़ियो के दुख सुख में हमेशा सामिल हॉकी सिमडेगा के मनोज कोनबेगी और कमलेव्सर मांझी इनके घर पँहुचकर इनकी स्थिति से वाकिफ होते हुए दोनों खिलाड़ियो को जिला प्रसासन से परमिशन लेकर अपने खर्च से जिला मुख्यालय में रहकर पौष्टिक आहार एवम ट्रेनिग की सुबिधाये मुहैया कराई जिससे इनमें कुछ सुधार हुआ।
*इधर हॉकी इंडिया ने 05 अक्टूबर से संगीता ,सुषमा एवम व्यूटी सहित भारत के कुल 26 जूनियर महिला हॉकी खिलाड़ियो को विशेष कैम्प के लिए आमंत्रित किया है।इसी कैम्प में आज सामिल होंने के लिये दोनों खिलाडी बैंगलोर रवाना हुई।इससे पूर्व दोनों खिलाड़ियो का कोरोना टेस्ट भी कराया गया।बस में कोरोना के खतरे के मद्देनजर हॉकी सिमडेगा के संयुक्त सचिव कमलेव्सर मांझी ने दोनों ही खिलाड़ियो को निजी वाहन से रांची एयर पोर्ट तक छोड़ने गए।हॉकी सिमडेगा के महासचिब मनोज कोनबेगी,एस एस बालिका हॉकी सेंटर की कोच प्रतिमा बरवा एवम अन्य खिलाड़ियो ने खुशी ख़ुशी दोनों ही खिलाड़ियो को सिमडेगा से विदा किया।अब दोनों खिलाडी बेंगलौर में कुछ दिन कोरोंटेंन होने के बाद पूरी टीम के साथ पुनः मैच खेलते हुए नजर आयेंगे।दोनों ख़िलाडियो ने आज बहुत ख़ुशी ख़ुशी कहा कि अब हमलोंग पुनः खेल पाएंगे।साथ ही कहा कि इंडिया कैम्प में सामिल झारखण्ड की फुटबॉल खिलाड़ियो को तो सरकार रांची में विशेष कैम्प लगाकर सारी सुविधाये दे रही है पर झारखण्ड के नस नस में बसने वाले झारखण्डी खेल हॉकी खिलाड़ियो को किस परिस्थिति में जीवन यापन कर रही है इसकी सुधि तक नही ली।हॉकी सिमडेगा ने हमे मुश्किल हालात में सहयोग की।