26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल और 27 नवंबर को किसानों की जन कार्रवाई को वामदलों ने दिया सर्मथन.
Team Drishti.
रांची
केंद्र सरकार द्वारा देश की संपदा और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेचने, राष्ट्रीय कृत बैंकों को विखंडित कर उसे अपने चहेतों के हवाले करने, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ भारतीय जीवन बीमा निगम को समाप्त करने की साजिश, रक्षा, रेलवे, कोयला, पेट्रोलियम, इस्पात, भारी अभियंत्रण, खनन, नेशनल हाइवे, दूरसंचार हवाई अड्डा, बंदरगाह समेत तमाम रणनीतिक उधमो, उधोगों, संस्थानों को देशी विदेशी पूंजीपतियों के हाथों कौड़ी के मोल पर उन्हें सौंपे जाने की राष्ट्र विरोधी कार्रवाई को देश का मजदूर वर्ग बर्दाश्त नहीं करेगा. जिस तरह आजादी के संघर्ष मे 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के आह्वान पर करो या मरो का नारा देशव्यापी अभियान का हिस्सा बन गया था उसी प्रकार देश का मजदूर वर्ग राष्ट्रीय संपदा की लूट के खिलाफ और भारत के आत्मसम्मान और आर्थिक संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है। और वामदल मजदूर वर्ग के इस संघर्ष के साथ अपनी पुरी एकजुटता का प्रदर्शित करते हुए संयुक्त ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आयोजित 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल और 27 नवंबर को किसानों की देशव्यापी जन कार्रवाईयों का समर्थन करते हैं.
इसकी घोषणा आज भाकपा कार्यालय मे संपन्न हुयी वामदलों की बैठक के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में की गयी. वामदलों ने इस बात का एलान करते हुए झारखंड के मजदूर वर्ग समेत सभी देशभक्त शक्तियों का आह्वान किया कि भारतीय जनता के संघर्षपूर्ण विरासत को आगे बढ़ाने की लड़ाई के साथ एकजुटता प्रदर्शित करें और 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल और किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ 27 नवंबर के देशव्यापी आंदोलन को पूरे झारखंड मे सफल बनायें. वामदलों ने राज्य की जनता से यह भी अपील किया है कि सभी जगह शारीरिक दूरी और स्वास्थ्य मंत्रालय के एडवाइजरी का सख्ती से पालन करते हुए संडकों पर उतर कर केंद्र और अधिकांश राज्य सरकारों द्वारा कोरोना महामारी की आड़ मे मजदूर वर्ग और किसानों के अधिकारों पर किए जा रहे निर्मम हमलों का प्रतिरोध करें.
वामदलों की बैठक की अध्यक्षता सीपीआई के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने की. बैठक मे सीपीएम के राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव, विरेंद्र कुमार, भाकपा के सहायक सचिव महेंद्र पाठक, बी. एन. ओहदार, शशी कुमार, अजय सिंह, इन्द्रमनी देवी, भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट मौजूद थे. मासस के राज्य सचिव आनंद महतो ने वामदलों के फैसले से सहमति व्यक्त की क्योंकि वे बैठक मे शामिल नहीं हो सके थे.