नक्सल प्रभावित पीरटांड में छाएगी की हरियाली, केंद्र और राज्य दोनों के सम्मिलित प्रयास से जिला प्रशासन कृषि क्षेत्र में कर रहे हैं काम.
गिरीडीह :नझारखंड में नक्सलियों की तूती एक समय गिरिडीह जिले के पारसनाथ क्षेत्र में बोलती थी जहां रक्तरंजित खबरों की भरमार पड़ी रहती थी। आए दिन नक्सलियों द्वारा किसी ना किसी निर्दोष की हत्या कर दी जाती थी जिसके कारण गिरिडीह जिले के पीरटांड का कई गांव के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल बना रहता था, परंतु अब समय मोड ले लिया है अब इस धरती में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आएगी जिसकी तैयारी जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा केंद्र और राज्य दोनों के सम्मिलित योजनाओं को धरातल में उतार कर की जा रही है।
इसकी बानगी घोर नक्सल प्रभावित कुम्हारलालो में देखी जा रही है जहां 25 एकड़ भूमि पर टमाटर और मिर्च की खेती की तैयारी पूरी हो चुकी है। बता दें कि हरित क्रांति लाने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा 34 किसानों का समूह बनाया गया है जिसमें किसानों द्वारा सचिव एवं अध्यक्ष का भी चयन हो चुका है। जानकार सूत्रों के अनुसार खेती के लिए जमीन की जुताई का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है जल्द ही टमाटर और मिर्च की खेती लगाई जाएगी ।
लाभुकों के अनुसार टमाटर और मिर्च के अलावा इस स्थल पर करेला एवं झींगा की खेती भी की जाएगी।
बताया गया है कि 4 महीने में टमाटर और मिर्च का उत्पादन तैयार हो जाएगा वही कृषि कार्य ने पटवन हेतु पानी की उपलब्धता की पूरी नजर रखी गई है इस हेतु कुम्हरलालो स्थित तलाब का जिर्णोद्यार किया जा रहा है जहां लिफ्ट इरिगेशन का कार्य शुरू की जाएगी। गिरिडीह उपायुक्त के अनुसार इस तालाब में कृषि कार्य डीजल पंप और सोलर पंप भी लगाया जाएगा ताकि किसानों को कृषि कार्य करने में सहूलियत मिल सके।
गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया है कि डीजल एवं सोलर पंप के जरिए किसानों को सिंचाई की उपलब्धता कराई जाएगी जिसमें फसल का उत्पादन बढ़ेगा तो किसान की आमदनी भी बढ़ेगी। बता दें कि इस क्षेत्र के किसान वर्षा के पानी पर ही निर्भर करते हैं परंतु अब इन किसानों का दिन बदलने वाला है क्योंकि वर्षा कि पानी पर बात करें तो केवल एक ही फसल का उत्पादन होता था जो धान की फसल है।
डीजल पंप और सोलर पंप के जरिए सिंचाई की व्यवस्था बेहतर कृषि कार्य के लिए जिला प्रशासन उपलब्ध कराने हेतु कटिबद्ध है। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि किसान अपनी जिम्मेवारी समझे प्रशासन अपनी जिम्मेवारी निभाएगी तथा हर कदम किसानों को बेहतर उत्पादन हेतु प्रशिक्षण एवं अन्य व्यवस्था भी कराया जाएगा। इस प्रकार लोग नक्सलियों के बहकावे पर नहीं आएंगे तथा पारसनाथ क्षेत्र नक्सल मुक्त हो जाएगा वही लोग आर्थिक रूप से संपन्न हो जाएंगे साथ ही साथ इस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं का भी भविष्य सुंदर होगा अर्थात जल्द ही पारसनाथ क्षेत्र में शांति का माहौल स्थापित हो जाएगा।
गिरिडीह, दिनेश