दुमका एसपी बलिहार की हत्या में शामिल नक्सली पकड़ा गया.
गिरिडीह, दिनेश.
गिरिडीह : गिरिडीह पुलिस ने प्रशांत मांझी और उसकी पत्नी प्रभारी पूर्व जया को गिरफ्तार करने के बाद इस अन्य नक्सली साथी को गिरफ्तार करने के मकसद से इन सभी को संथाल परगना ले गई है जहां से सूत्रों द्वारा यह बात सामने आ रहा है कि इन नक्सलियों के निशानदेही पर दुमका के में भी कई हार्डकोर नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिसमें 10 लाख का एक इनामी नक्सली सुधीर किस्कू उर्फ सुलेमान अंसारी शामिल है ।
बता दें कि ताला मरांडी की मौत के बाद संथाल परगना में अपनी पैठ जमाने के लिए प्रशांत मांझी और उसकी पत्नी प्रभा उर्फ जया के साथ-साथ सुधीर किस्कू उर्फ सुलेमान अंसारी ने कड़ी मेहनत की थी तथा संगठन को खड़ा करने में दिन-रात प्रयास कर रहे थे। बता दें कि 3 दिन पहले पुलिस ने गिरिडीह जिले के पर्वतपुर से छोटेलाल हांसदा, रंजीत टूडू ,उज्जवल गंजू रतीलाल सोरेन ,और उसकी बहन मंगली सोरेन को भी गिरफ्तार किया है। रतीलाल सोरेन और उसकी बहन को खुखरा से गिरफ्तार किया गया जबकि अन्य को पर्वतपुर से। इन गिरफ्तार माओवादियों से पूछताछ के क्रम में पुलिस ने एके-47 सहित करवाइन एवं अन्य विस्फोटक का जखीरा भी बरामद किया है।
गिरफ्तार करने के पश्चात गिरिडीह पुलिस ने इनामी नक्सली प्रशांत मांझी और उसकी पत्नी को साथ लेकर दुमका चली गई जहां इनकी निशानदेही पर सुधीर को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है हालांकि सूचना यह भी है कि इन नक्सलियों के इशारे पर निशानदेही पर कई छोटे और बड़े नक्सलियों को भी दुमका पुलिस और गिरिडीह पुलिस ने धर दबोचा है हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक गिरिडीह पुलिस और दुमका पुलिस द्वारा नहीं की गई है ।
बता दें कि पारासनाथ के माओवादी लीडरों ने हमेशा संथाल परगना में संगठन की कमान संभाली है। भाकपा माओवादी के केंद्रीय समिति सदस्य प्रवीर ने संथाल ने लाल झंडा को संभालने का बीड़ा उठाया था। तत्कालीन पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या के बाद दुमका के तत्कालीन एसपी अनूप टी मैथ्यू ने प्रवीर को गिरफ्तार किया था इस मामले में प्रवीर और सनातन को फांसी की सजा पूर्व में ही सुनाई दी गई है। पुलिस इस बात से अनभिज्ञ थी कि गिरिडीह के हार्डकोर नक्सलियों का दबदबा संथाल परगना में भी चलता है परवीन दा के पकड़ने के पश्चात यह बात सामने आई तथा पुलिस के रडार पर पारसनाथ के कई हार्डकोर नक्सली चढ़ गए ।
बता दें कि संथाल परगना में माओवादियों का अपना केवल एक मात्र चेहरा था जो ताला मरांडी के नाम से जाना जाता था जिसे एस पी किशोर कौशल ने मुठभेड़ में मार गिराया था। बता दें कि 13 जनवरी 2019 को छतापाड़ा के जंगल में ताला मरांडी को मुठभेड़ में मार गिराया गया था इसके मौत के बाद तत्कालीन एसपी के समक्ष 12 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था जिसमें कई महिला नक्सली भी थी। इधर सुधीर किस्कू के निशानदेही पर गिरिडीह और दुमका पुलिस मिलकर अन्य माओवादियों को पकड़ने में जुटी हुई है। संभावना जताया जा रहा है कि आधिकारिक रूप से दोनों जिलों की पुलिस संयुक्त रूप से माओवादियों की गिरफ्तारी से पर्दा उठाएंगे।