लगभग 10 महीनें के अंतराल के बाद राज्य में फिजिकल कोर्ट शुरू.
राँची : लगभग 10 महीना बाद राज्य में फिजिकल कोर्ट शुरू हो गई है. हाई कोर्ट के द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सुनवाई की जा रही है. एक लंबी अवधि के बाद फिजिकल कोर्ट शुरू होने से अधिवक्ताओं में खुशी का माहौल है.
अधिवक्ताओं की मांग पर हाईकोर्ट ने फिजिकल कोर्ट शुरु कर दी है. जिला अदालतों में फिजिकल सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने SOP बनाया है. जिसका पालन सभी अदिवक्ताओ को करना होगा. जिन जिलो में कोरोना का संक्रमण कम है वहां फिजिकल कोर्ट की संख्या ज्यादा रखी गई है. वहीं जिन जिलों में कोरोना का प्रकोप ज्यादा है. वहां फिजिकल कोर्ट की संख्या कम रखी गई. फिलहाल रांची व्यवहार न्यायालय के 10 कोर्ट में फिजिकल सुनवाई होगी। इसको लेकर तमाम तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है. अधिवक्ता और वकीलों को हैंड सेनीटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग कर ही कोर्ट परिसर में प्रवेश कराया जा रहा है.
झारखंड हाई कोर्ट समेत सभी जिला अदालतों में न्यायिक कार्य वर्चुअल व्यवस्था से चल रही है, जहाँ केवल अर्जेंट मैटर की ही सुनवाई हो रही है. इससे अधिकतर अधिवक्ताओं कि कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. लगभग 90 फीसदी अधिवक्ताओं को काम नहीं मिल पा रही थी. वहीं मुवाकीलों को भी अपने मामलों का निष्पादन कराने में बड़ी परेशानी हो रही थी. खास तौर पर जूनियर अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस पूरी तरह से प्रभावित हो रही थी. वही अर्जेंट मैटर की सुनवाई होने से लंबित मामलों का आंकड़ा भी दिनोंदिन बढ़ रहा था. 10 महीनों में रांची व्यवहार न्यायालय में लगभग 12 हजार मामले लंबित हो गई है. फिजिकल कोर्ट शुरू होने से लंबित मामलों का निष्पादन में भी तेजी आएगी. साथ ही अधिवक्ता अब कोरोना से प्रभावित हुए जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश करे पाएंगे.
कोरोना काल के शुरूआती दौर से ही झारखंड समेत देशभर की अदालतों में न्यायिक प्रक्रिया ऑनलाइन व्यवस्था से चल रही है. वहीं अनलॉक शुरू होने के दौरान से ही केंद्र और राज्य सरकार ने धीरे धीरे कई सेक्टर्स में छूट दी गयी है. इसके बाद से राज्यभर के वकील कोर्ट को भी रेग्युलर किये जाने की मांग कर रहे है. जिसपर हाईकोर्ट ने पहल कर दी है, अब कोर्ट परिसर में खोई हुई पुरानी रौनक धीरे-धीरे लौटने लगेगा.