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वर्दी ए इंसाफ़ के लिए जुटे सहायक पुलिसकर्मी पर लाठी चार्ज

दृष्टि ब्यूरो,

अपनी स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों पर रांची पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया और आंसू गैस भी छोड़े गए. प्रदर्शन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी उग्र होकर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ करनें लगे थे. हालात बेकाबू होता देख पुलिस द्वारा लाठी चार्ज कर खदेड़ा गया. लाठी चार्ज और पत्थरबाजी में दोनों ओर से कई के घायल होने की सूचना है.

राज्य भर से आये करीब 2500 सहायक पुलिसकर्मी अपनी स्थायीकरण की मांग को लेकर करीब एक हफ्ते से रांची स्थित मोराबादी मैदान में आंदोलन कर रहे थे, इन पुलिसकर्मियों की मांग है कि लगातार 3 साल तक विषम परिस्थितियों में काम करनें के वावजूद आज तक स्थायी नौकरी नहीं दी गई. सरकार की ओर से कई दौर की वार्ता चली लेकिन बात नहीं बनी.

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सरकार में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया गया था, जिसमें झारखंड के 12 जिलों को इसमें शामिल किया गया था जो अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों को काबू करने के लिए पूर्व की सरकार ने सहायक पुलिस कर्मियों की बहाली की थी. जिसमें लगभग 25 सौ सहायक पुलिस कर्मियों की बहाली 12 नक्सल प्रभावित जिलों में किया गया था, इन सहायक पुलिस कर्मियों को 10,000 वेतनमान देने की भी बात की गई थी और साथ में यह भी कहा गया था कि उसे स्थाई किया जाएगा. इसी बीच रघुवर सरकार चली गई और हेमंत सोरेन की सरकार आ गई. इसके बाद सहायक पुलिस कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर रणनीति तैयार की और अचानक 12 जिलों के विभिन्न नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से सहायक पुलिसकर्मी पैदल ही रांची मुख्यालय मोराबादी पहुंचने के लिए निकल पड़े.

इस पूरे मामले पर बीजेपी का कहना है कि हेमंत सोरेन सरकार ने बर्बरता की सारी सीमाओं को पार कर दिया. 1 वर्ष में 5 लाख युवाओं को नौकरी देने की बात करने वाली इस सरकार ने आज सहायक पुलिस कर्मियों पर ज़ुल्म ढाया और इन युवाओं को बुरे तरीके से पीटा गया. भाजपा इस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करती है और सड़क से सदन तक इस बर्बर सरकार का विरोध करेगी.

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