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सरना कोड और आदिवासी धर्म कोड विधानसभा से पास कर केंद्र को भेजा जाना जनता को दिग्भ्रमित करने वाला.

Team Drishti.

रांची : आज केंद्रीय सरना समिति एव अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की बैठक नया टोली बरियातू सामुदायिक भवन में हुई बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष श्री फूलचंद तिर्की ने किया। बैठक में आदिवासी धर्म कोड/सरना कोड प्रस्ताव पास करने पर चिंतन मंथन किया गया। केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष श्री फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरना कोड/ आदिवासी धर्म कोड विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजा जाता है तो यह जनता को दिग्भ्रमित करने वाला माना जाएगा क्योंकि केंद्र सरकार ऐसे दोहरी धर्म कोड की मान्यता कभी नहीं देगी। झारखंड के आदिवासी हमेशा सरना कोड को लेकर सबसे ज्यादा संघर्ष किए हैं 2011 की जनगणना के अनुसार सरना धर्म लिखने वाले लगभग 50,0000 से ज्यादा थे जबकि आदिवासी धर्म में मात्र 49000 अंकित किया गया था सरकार को आदिवासियों के जन भावना के अनुसार केवल सरना कोड केंद्र में भेजना चाहिए।

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा आदिवासीयों को सरना कोड/आदिवासी कोड पारित होने से ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है और ना ही दुखी होने की जरूरत है आदिवासी समाज आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार को दबा व डालकर सरना कोड लागू करने को बाध्य कर देगी केंद्रीय सरना समिति अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद आदिवासी सेंगेल अभियान 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रेल रोड जाम चक्क जाम करने का निर्णय लिया है। महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि सरना कोड फिर राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हो गया सरकार सब को खुश करने के लिए आदिवासी / सरना कोड का प्रस्ताव पास कर आदिवासी को फिर से आंदोलन को मजबूर कर दिया यह प्रस्ताव सरना कोड को लटकाने और भटकाने वाला है।

मौके पर केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक भुनेश्वर लोहरा रांची जिला सरना समिति के अध्यक्ष अमर तिर्की आदिवासी सरना विकास समिति नया टोली के अध्यक्ष पारो मुंडा रांची महानगर अध्यक्ष विनय उरांव महिला शाखा अध्यक्ष नीरा टोप्पो सुखवारो उंवरा जुलिता मुंडा ज्योत्सना भगत एवं अन्य शामिल थे।

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