तेतरियाखाड़ फायरिंग केस: आगजनी की घटना की जांच करेगी एनआईए.
लातेहार : लातेहार के बालूमाथ थाना अंतर्गत तेतरियाखाड़ कोलियरी में हुई फायरिंग मामले में अब एनआईए जांच करेगी. 18 दिसंबर की देर शाम बालूमाथ के तेतरियाखाड़ साइडिंग पर अपराधियों ने हमला कर आगजनी की वारदात को अंजाम दिया था. वहीं फायरिंग में चार लोग गंभीर रुप से जख्मी भी हो गए थे. मामले में बालूमाथ थाने में 234/20 केस दर्ज किया गया था. जानकारी के मुताबिक, मामले की जांच के लिए एनआईए से पत्राचार किया गया था. एनआईए ने भी इस मामले में लातेहार कोर्ट से केस से जुड़े कागजात हासिल कर लिए हैं. ऐसा पहली बार है जब संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़े मामले में एनआइए राज्य में कार्रवाई करेगी.
सुजीत सिन्हा गैंग की भूमिका
लातेहार के चंदवा, बालूमाथ, चतरा के पिपरवार, रांची के खलारी समेत अन्य कोयला क्षेत्र में रंगदारी वसूली के लिए सुजीत सिन्हा गैंग के द्वारा नवंबर- दिसंबर 2020 में काफी दबाव डाला गया था. गिरोह के लोगों ने वीडियो जारी कर और कई जगहों पर पोस्टरबाजी कर कोयला कारोबारियों, डीओ होल्डर्स, ट्रांसपोर्टरों को काम करने के बदले पैसे की मांग की थी. इसी क्रम में पीएलएफआई से अलग होकर सुजीत सिन्हा गैंग के लिए काम करने वाले प्रदीप गंझू ने बालूमाथ में कई कारोबारियों ने रंगदारी मांगी थी. इसके बाद 18 दिसंबर की देर शाम तेतरियाखाड़ साइडिंग पर ट्रकों में आगजनी व फायरिंग की वारदात को अंजाम दिया गया था. मामले में फरवरी महीने में पुलिस ने प्रदीप गंझू समेत सुजीत सिन्हा गैंग के कई अपराधियों को गिरफ्तार भी किया था.
कोल परियोजनाओं में टेरर फंडिंग की पहले से हो रही जांच
चतरा के मगध व आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग की जांच पहले से एनआईए के द्वारा की जा रही है. उग्रवादी संगठन टीपीसी के द्वारा कोल परियोजनाओं में वसूली के लिए नेटवर्क बनाया गया था, साथ ही विस्थापितों की कमेटी भी गठित की गई थी. इस कमेटी में उग्रवादियों को भी बड़ा हिस्सा मिलता था. साथ ही सीसीएल के अफसरों व ट्रांसपोर्टरों की भूमिका भी पूरे मामले में सामने आयी थी.
लातेहार, मो०अरबाज