Prabhatkhabar 2020 09 89661Dc0 81B9 4508 8F95 Fad0B55A5395 Img 20200912 111736

खुले आसमान के नीचे अपनी मांगों को लेकर सहायक पुलिस कर्मी की गुजर रही है रा

रसहायक पुलिस कर्मियों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार के दौरान झारखंड प्रदेश के 12 नक्सल प्रभावित जिलों को चयन किया गया था इसमें नक्सलियों से लोहा लेने के लिए 25 सौ पुलिसकर्मियों को संविदा पर बहाली की गई थी और उन्हें स्थाई करने की बात कही गई थी. लेकिन इस बीच रघुवर दास की सरकार चली गई. संविदा में काम करने वाले सहायक पुलिस कर्मियों ने शनिवार से ही रांची के मोराबादी मैदान में अपना डेरा जमाए हुए हैं, उन्हें काफ़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि सहायक पुलिस कर्मी 2 दिन से पैदल चलकर रांची पहुंचे और उनके साथ लाठीचार्ज भी किया गया और उन्हें खुले आसमान के नीचे सोने पर मजबूर होना पड़ा. अपने हक और मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे सहायक पुलिसकर्मी पुरुष एवं महिला हैं साथ ही इनके साथ गोद में छोटे-छोटे बच्चे है इसके बाद भी झारखंड सरकार की आंखें नहीं खुल रही है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव सहायक पुलिस कर्मियों का प्रतिनिधिमंडल से वार्ता विफल रहा. इस बीच एक महिला की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें भी रिम्स ले जाया गया. राज्य की प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इसे राजनीतिक रंग देना भी शुरू कर दिया है. रांची नगर निगम के महापौर आशा लकड़ा और भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के अध्यक्ष किसलय तिवारी भी मोराबादी मैदान पहुंचकर सहायक पुलिस कर्मियों का हालचाल जाना और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए भोजन का भी व्यवस्था किया. महापौर ने दरी ,चादर एवं चलित शौचालय का भी व्यवस्था कराया. महापौर आशा लकड़ा ने कहा कि महागठबंधन की सरकार रोजगार देने के नाम पर सत्ता में आई, लेकिन वह संविदा में काम कर रहे संविदा कर्मियों को ही अब बेरोजगार बना रही है. सहायक पुलिस कर्मियों की मांग जायज है और सरकार को अविलंब उनकी मांगों को स्वीकार करनी चाहिए. वही भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने कहा कि सहायक पुलिस कर्मियों का हाल-चाल राज्य सरकार को लेना चाहिए और उनकी जो समस्याएं हैं उनको दूर कर उनकी मांगों को समर्थन करते हुए उसकी बहाली करनी चाहिए. सहायक पुलिस कर्मियों ने कहा कि हमारी मांग है कि स्थाई किया जाए, जब तक वह हमारी मांगे नहीं मानी जाती है हम लोग इसे खुले आसमान के नीचे विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे. हालांकि राज्य सरकार इस पर क्या निर्णय लेगी इसपर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, गौरतलब है मुख्यमंत्री 3 दिनों के लिए दुमका प्रवास में भी रहेंगे.

Share via