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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब में कांग्रेस के पतन की कहानी.

Team Drishti.

पूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणब मुखर्जी की एक किताब जल्द आनें वाली है. इस किताब में उन्होंने कांग्रेस के पतन के कारणों का जिक्र किया है. 2014 में हुए चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के लिए प्रणब मुखर्जी नें डॉ मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जिम्मेदार ठहराया है. इसमें उन्होंने लिखा कि कुछ कांग्रेस के सदस्य ऐसा मानते थे कि अगर वह खुद पीएम बन गए होते तो पार्टी को सत्ता नहीं गंवानी पड़ती.

प्रणब दा ने अपनी किताब द प्रेसिडेंशियल ईयर्स में लिखा है कि मेरे राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस ने दिशा खो दी थी और सोनिया गांधी पार्टी के मामले नहीं संभाल पा रहीं थीं. गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी की ये किताब जनवरी 2021 में प्रकाशित होने वाली है. प्रणब दा ने ये किताब अपने राष्ट्रपति कार्यालय के दौरान के अनुभवों पर लिखी थी. प्रणब मुखर्जी की नई किताब भारत के पहले नागरिक के रूप में बंगाल के एक दूरदराज के गांव में एक दीपक की झिलमिलाहट के नीचे पढऩे से लेकर राष्ट्रपति भवन की प्राचीर तक पहुंचने की आकर्षक यात्रा का वर्णन करेगी.

द प्रेसिडेंशियल ईयर्स शीर्षक वाला संस्मरण जनवरी 2021 में वैश्विक रूप से जारी किया जाएगा, प्रकाशक रूपा बुक्स ने शुक्रवार को घोषणा की. मुखर्जी के संस्मरण के चौथे खंड में राष्ट्रपति के रूप में उनके सामने आने वाली चुनौतियों को याद किया गया है, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा लिए गए कठिन फैसलों और उनके द्वारा किए गए कड़े कदम, जिसमें यह सुनिश्चित करना था कि संवैधानिक औचित्य और उनकी राय दोनों को ध्यान में रखा गया था.

प्रणब मुखर्जी ने अपनी पुस्तक में लिखा कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मुझसे कहा था कि अगर साल 2004 में मैं पीएम बन गया होता तो 2014 में कांग्रेस को ऐसी करारी हार का मुंह नहीं देखना पड़ता. प्रणब दा आगे लिखते हैं कि हालांकि मैं ऐसा नहीं मानता, मगर ये जरूर मानता हूं कि मेरे राष्ट्रपति बनने के बाद पार्टी ने अपना फोकस खो दिया था, एक तरफ सोनिया गांधी पार्टी के मामले संभाल नहीं पा रहीं थीं तो दूसरी तरफफ तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के संसद में सदन से लगातार नदारद रहने से सांसदों से सीधा संपर्क टूट गया था.

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