विजय माल्या को भारत को सौंपने के लिए ब्रिटेन ने रखी ये शर्त
नई दिल्ली — देश के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का फिलहाल प्रत्यर्पण नहीं होगा। यूनाइटेड किंगडम ने इसके लिए कुछ शर्तें रखी है। ब्रिटेन ने भारत सरकार से कहा है कि विजय माल्या का अभी प्रत्यर्पण नहीं हो सकता। यूनाइटेड किंगडम का कहना है कि सरकार ने कहा है कि विजय माल्या से जुड़ा एक ‘गोपनीय कानूनी’ मामला चल रहा है और जब तक इस मामले का समाधान नहीं हो जाता उसका भारत में प्रत्यर्पण संभव नहीं है।
यूनाइटेड किंगडम ने भारत को सूचित किया है कि भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या को तब तक प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा, जब तक कि विदेश मंत्रालय (MEA) के के मुताबिक ‘गुप्त कानूनी’ मामले को देश की पूर्व अदालत में हल नहीं किया जाता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि ‘अब हमें बताया गया है कि एक गुप्त कानूनी मामला है और उसका प्रत्यर्पण उसके प्रस्ताव के बिना नहीं हो सकता। हम ब्रिटेन सरकार के संपर्क में हैं।’
आपको बता दें कि विजय माल्या ने इस साल मई में ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील का अधिकार खो दिया था। भारत ने ब्रिटेन के अधिकारियों को उसे सौंपने के लिए जोर दिया है ताकि उसे मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों के लिए भारत लाया जा सके। जानकारी के मुताबिक, श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि भारत सरकार ब्रिटिश प्रशासन के लगातार संपर्क में थी, मई के फैसले के बाद से माल्या को कोई कानूनी विकल्प उपलब्ध नहीं था।
इससे पहले केंद्र सरकार ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि माल्या के प्रत्यर्पण का मामला भारत के पक्ष में है और कुछ ‘गुप्त’ कार्यवाही बाकी थी, जिस पर भारत को जानकारी नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल हैं, तब माल्या के कानूनी वकील ने गोपनीय कार्यवाही की प्रकृति की व्याख्या करने के लिए कहा। हालांकि, माल्या के प्रतिनिधित्व ने किसी भी जानकारी को साझा करने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें पहले इस मुद्दे पर निर्देश लेना होगा। इस पर जस्टिस ललित ने जवाब दिया, ‘हम जानना चाहते हैं कि क्या चल रहा है? अब वहां क्या लंबित है?’
गौरतलब है कि माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में रह रहे हैं, लेकिन मई का फैसला उनके लिए एक बड़ा झटका था। उम्मीद की जा रही थी कि उसे जल्द ही भारत वापस लाया जा सकता है। हालांकि, अब ब्रिटेन के अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इसमें कुछ समय लगने की संभावना है।