काॅ महेन्द्र सिंह की 16 वीं शहादत दिवस मनाई गई.
गिरिडीह : बगोदर मे काॅ महेन्द्र सिंह की 16 वीं शहादत दिवस शनिवार को मनाई गई। उनका पैतृक गांव खम्भरा स्थित बने प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। और कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पाॅलित ब्यूरो सदस्य काॅ स्वदेश भट्टाचार्य बगोदर विधायक बिनोद कुमार सिंह बिहार के तरारी विधायक सुदामा प्रसाद विधायक मनोज मंजिल मनोज भक्त उनकी पत्नी शांति देवी समेत कई लोगों ने बारी बारी से पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।
इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कृषि कानुन वापस लेने की मांग की गई।इसके बाद बगोदर सरिया रोड स्थित महेन्द्र सिंह स्मृति भवन परिसर में बने प्रतिमा पर उपस्थित लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी गई। इसके बाद संक्षिप्त श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया की गई। श्रद्धाजंलि सभा को पाॅलित ब्यूरो सदस्य काॅ स्वदेश भट्टाचार्य बिहार के विधायक मनोज मंजिल विधायक बिनोद कुमार सिंह निराश के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी समेत कई लोगों ने संबोधित किया। इस दौरान पाॅलित ब्यूरो सदस्य काॅ स्वदेश भट्टाचार्य ने कहा कि महेन्द्र सिंह का मतलब है जनता की संघर्ष। महेन्द्र सिंह ने संघर्ष का नया आयाम दिया है। कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर आज पूरे देश में किसानों की संघर्ष देख रहे हैं। आजादी के बाद किसानों की इतनी बडी संघर्ष पूरे देश के पैमाने पर है।
वही विधायक बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि महेन्द्र सिंह लडाई में संघर्षों का नेतृत्व कर रहे थे। और आज उनकी स्मृति भी आज संदर्भ में लडाई लडने की प्रेरणा देती है। इतिहास ग्वाह है बगोदर की सडके गवाह रही है। एक प्रतिनिधि के तौर पर जन नेता के तौर पर एक संघर्ष के नेता के तौर पर लगातार जनता के सवालों पर नया आयाम खोला है। चाहे संसदीय लडाई हो चाहे सडक की लडाई हो। वही इसके बाद कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर बगोदर में मनाव श्रृंखला बनायी गई।
गिरिडीह, दिनेश