Navbharat Times 1 680X470 1

विश्व आदिवासी दिवस

आज सारा विश्व आदिवासी दिवस मना रहा है. इस साल का थीम ‘’किसी को पीछे नहीं छोड़ना है’’. मतलब सहयोग की भावना के साथ विकास करना है. इस थीम के बीच झारखंड में आदिवासियों के विकास की बात करें तो उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में बहुत काम करना बाकी है.

इसे भी पढ़े :-

पुलिस ने तीन ब्राऊन शुगर तस्कर को गिरफ्तार किया

69.9 फीसदी आदिवासियों के घर में किरोसिन का इस्तेमाल

झारखंड गठन को 21 साल हो गये लेकिन आज बड़ी संख्या भी गांवों में बिजली नहीं है. राज्य की आबादी फिलहाल सवा तीन करोड़ के करीब है. इनमें 86.45 लाख आदिवासी हैं. आदिवासियों की कुल आबादी का 68.9 फीसदी घरों में किरोसिन तेल का इस्तेमाल होता है. वहीं, 29.3 फीसदी आदिवासी घरों में ही बिजली की सुविधा है. मात्र 1.4 फीसदी घरों में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होता है.

शिक्षा के क्षेत्र में स्थिति तो फिर भी सही है. लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में और काम करने की जरूरत है. ऐसा हम नहीं बल्कि मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स की साल 2020–21 की वार्षिक रिपोर्ट कह रही है.

इसे भी पढ़े :-

धनबाद में ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत

ऐसी है आदिवासियों की शैक्षणिक स्थिति
झारखंड में आदिवासियों की कुल जनसंख्या 86.45 लाख है. इनमें 1,44,262 युवा सामान्य ग्रेजुएट तक की शिक्षा ली है. वहीं, 2.62 फीसदी युवा इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की है. सबसे खराब स्थिति मेडिसीन की है, इसमें 0.95 फीसदी यानी एक प्रतिशत भी नहीं पहुंच पायी है. टेक्निकल के साथ ग्रेजुएट की पढ़ाई करने वालों का प्रतिशत और सभी से बेहतर है. इसका प्रतिशत 79.52 फीसदी है. जबकि, टेक्निकल के साथ पीजी की डिग्री हासिल करने वालों का प्रतिशत 12.76 है

झारखंड में आदिवासियों की लिटरेसी रेट
झारखंड का लिटरेसी रेट 66.4 फीसदी है. जिसमें से 57.1 फीसदी आदिवासी पढ़े-लिखे हैं. इनमें से 68.2 फीसदी पुरुष और 46.2 फीसदी आदिवासी युवतियां शामिल हैं.

विभिन्न ट्राइब्स में शिक्षा की दर
पहाड़िया-25.6 फीसदी

बिरहोर- 26.4 फीसदी

सवर-26.9 फीसदी

वेंगा-29.0 फीसदी

कोरवा-29.4 फीसदी

देवघर सबसे टॉप पर

झारखंड में आदिवासियों महिलाओं और पुरुषों की जिलावार शिक्षा की स्थिति पर गौर करें तो इस सूची में देवघर सबसे टॉप पर है. देवघर में पुरुषों में शिक्षा का दर 61.9 फीसदी है और महिलाओं का प्रतिशत 34.3 फीसदी है. वहीं, इस सूची में गिरिडीह दूसरे नंबर पर है. गिरिडीह में पुरुषों का शिक्षा दर 58.5 प्रतिशत है. जबकि, महिलाओं का शिक्षा दर 33.3 फीसदी है. इसके अलावा गोड्डा तीसरे नंबर पर है. यहां पुरुषों का शिक्षा दर 51.4 फीसदी है. जबकि, महिलाओं का शिक्षा दर 32.3 फीसदी है.

झारखंड में आदिवासियों का सेक्स रेशियो भी बढ़ा
झारखंड में पिछले 21 सालों में आदिवासियों का सेक्स रेशियो में बढ़ोत्तरी हुई है. वर्ष 2001 की जनगणना में प्रति एक हजार पुरुष पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में लड़कियों की संख्या क्रमशः 989 और 965 दर्ज की गई थी. जो वर्ष 2011 की जनगणना में बढ़कर 1003 और 1007 हो गयी है

ट्राइबल के इलाज के लिए कम पड़ रहे डॉक्टर और नर्स, खाली पड़े है पद
झारखंड ट्राइबल्स का स्टेट है. जिससे राज्य की पहचान है. इसके लिए सरकार भी बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए अभी सरकार और काम करना होगा. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ट्राइबल एरिया के प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) में ट्राइबल्स के इलाज के लिए राज्य में 240 डॉक्टर है. जबकि 142 डॉक्टरों के पद अब भी खाली पड़े हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ की भी कमी पीएसची में है. अब सरकार को इन्हें बेहतर सुविधाएं देने के लिए डॉक्टरों की बहाली करनी होगी. साथ उनका ध्यान रखने वाली नर्सों को भी नियुक्त करना होगा.

इसे भी पढ़े :-

पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश में मंदिरो पे हमला, हिन्दुओ मंदिरो के मूर्तियों को तोडा गया

इलाज के इंतजाम
मरीजों के लिए सब सेंटर – 5858

प्राइमरी हेल्थ सेंटर – 878

कम्युनिटी हेल्थ सेंटर – 218

कैटेगरी सैंक्शन कार्यरत खाली
सब सेंटर में एएनएम 5530 4128 1402

पीएचसी में नर्सिंग स्टाफ 160 21 139

पीएचसी में डॉक्टर 382 240 142

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via