अवैध कोयला उत्खनन को बंद कराने पहुंची टास्क फ़ोर्स टीम को ग्रामीणों का विरोध का सामना करना पड़ा.
दुमका, विकास कुमार.
दुमका : झारखण्ड के दुमका जिले में अवैध कोयला उत्खनन को बंद कराने पहुंची टास्क फ़ोर्स टीम को ग्रामीणों का विरोध का सामना करना पड़ा। टीम बढ़ते विरोध को देख डोजरिंग काम को रोक वापस लौटने पर बाध्य हो गये। इधर जिले के एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की बात कही है।
जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में हो रहे बड़े पैमाने पर अवैध कोयला की शिकायत पर खनन टास्क फोर्स के टीम जीसीबी मशीनों के साथ पंचवाहिनी गांव पहुंची। जहाँ टास्क फ़ोर्स टीम द्वारा अवैध कोयला के खदानों के सुरंगों को डोजरिंग कार्य को देख ग्रामीण भड़क गये। ग्रामीण इसका विरोध करने लगे। और डोजरिंग कार्य को रोक दिया। और घंटो बाद टीम को वापस लौटा दिया। अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो के नेतृत्व ने टास्क फ़ोर्स टीम में एसडीपीओ नूर मुस्तफा, जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार तांती, शिकारीपाड़ा अंचलाधिकारी अमृता कुमारी शिकारीपाड़ा थाना के इंस्पेक्टर सहित पुलिस बल शामिल था। टीम द्वारा जब कार्रवाई शुरू की तो ग्रामीण उग्र हो कर प्रशासन को ही कोशने लगा। डोज रिंग करने पर विरोध करने लगा। विरोध में गांव के महिला एवं पुरुष शामिल थे।
अंत में टीम को बेरंग वापस लौटना पड़ा है। इधर जिले के एसपी मामले को गंभीरता से लेते हुये कहा कि लगातार मिल रही शिकायत के बाद टास्क फ़ोर्स टीम अवैध कोयला खदानों को बंद करने पहुंची थी लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध कर कार्य को बंद करा दिया था। मामले की खबर मिलते ही जिला से पुलिस बल भेजी गई थी। उन्होंने माना कि ग्रामीण छोटे छोटे सुरंग बनाकर कोयला उत्खनन कर रहे है। हालाँकि उन्होंने कहा की जिले में अवैध माइनिंग पर रोक लगाने के लिए प्रशासन तत्पर है और ऐसे में कोई सरकारी कार्य में बाधा डालता है तो प्रशासन उस पर कार्रवाई करेंगे साथ ही अगर इस अवैध धंधे में कोई संलिप्त है तो प्रशासन कार्रवाई करने से नहीं चुकेगी।
यहाँ बता दे की जिले में शिकारीपाड़ा, गोपीकांदर, रामगढ, मसलिया, टोंगरा और काठीकुंड जैसे प्रखंड पहाड़ी इलाके में कॉल माफिया ग्रामीणों के सहारे बड़े पैमाने पर छोटे छोटे खदान बना कर कोयला का उत्खनन करते है, और इन्ही कोयलो को एक जगह इकट्ठा कर प बंगाल और बिहार भेजे जाते है। जबकि यह इलाका पूरी तरह नक्सलग्रस्त माना जाता है। यही वजह है कि कॉल माफिया इसका लाभ लेकर बड़े पैमाने पर कोयला उत्खनन कर तस्करी का जरिया बनाया है।